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Friday, January 16, 2009

It is War - Poetry is the best expression at such times

समुन्‍द्र के अथाह से तेल क्‍या ये पत्रकार हैं लाए,

क्‍यों देश की राजधानी में इनके डटे हैं चैनल,

केवल मिडिया क्‍या देश चलाएगा,

सत्‍यम का सत्‍यमेव इस देश ने लिया है देख,

प्रशासन ने भ्रष्‍टाचार हर क्षेत्र में दिया है पेल,

अब देश द्रोह का तमगा मिलिभगत कर हमको दे दिया,

देवड़ा ने मिडिया को दी बधाई,

इसके पीछे का क्‍या है राज,

कौन किससे मिला “जी” कुछ तो करो आवाज,

जनता को गुमराह किया किसका है यह अगाज,

करो सबसिडी का अंत, है किसी माई के लाल में दम,

क्‍यों हो गए इन प्राईवेट तेल कम्‍पनियों के पेट्रोल पंप बंद,

क्‍यों हो रहा है देश के टेलेन्‍ट का पलायन,

सेंसेक्‍स को किसने शिखर तक पंहुचाया और धड़ाम से गिराया,

देश के वित्‍त मंत्री ने एक तरफा जानकारी होने का दम दिखाया,

कर दी हड़ताल तो गैर कानुनी डंडे का दमन चक्र चलाया,

ये ब्‍युरोक्रेट जिला स्‍तर से डंडा है चलाते,

इतनी मोटी चमड़ी हो गई है कि सरे आम जनता को गुमराह हैं कर जाते,

कई के पास अपार सपंत्‍ति, नल की टुटियों तक पर सोने का नक्‍काशी,

भोली भाली जनता को गुमराह की साजिश,

हमारे टेक्‍स से अपनी तनख्‍वा हैं पाते,

मिडिया के नाम पर टेक्‍स तक की छूट ले जाते,

घुस खाकर देश द्रोही हमे है बताते,



Neesha Jain

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